दोस्तों ,
मनाली हमारे देश का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है | पहाड़ो के बीच , बर्फ से धका यह स्थान Solo (अकेले), Group (टोली) ओर Honeymoon Couples, जैसे सभी पर्यटको को बहुत ही लुभाता है | ठंड मे बर्फ की चादर ओढ़े पहाड़, बड़े बड़े झरने ,गरम पानी के कुंड , प्राचीन मंदिर, खूबसूरत माल रोड, पारंपरिक बेशभूषा और हर साल मनाए जाने वाले यहाँ के त्योहार (Festival) काफी फ़ेमस है | मनाली घुमने और Adventure एक्टिविटी करने के लिए बहुत अच्छी जगह है ।समुद्र तल से 6260 फ़ीट की उचाई पर स्थित मनाली पहाड़ियों की विशेषता क लिए प्रसिद्ध है। सेबों से लदे हुए पेड़ और बर्फ से ढके हुए रास्ते मनाली की सुंदरता को और भी ज्यादा बढ़ाते है।
पहुचने के प्रमुख मार्ग - मनाली रेल या हवाई यात्रा के लिये सीधे तरह नहीं जुड़ा है , आप यहाँ दिल्ली से बस मार्ग द्वारा आसानी से पहुच सकते हैं , या शिमला , धर्मशाला,चंडीगढ़ से भी बसें मौजूद है ।
जाने का सबसे अच्छा समय - मनाली साल में कभी भी जाया जा सकता है , हर समय यहाँ टूरिस्ट की संख्या बहुत होती है , पर विंटर और समर यहाँ के सीजन टाइम है।
घूमने के प्रमुख स्थान -
1. हिडिम्बा देवी मंदिर (Hidimba Devi Temple) - यह मंदिर मनाली के सिटी सेंटर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर है ,1553 में इस मंदिर का निर्माण किया गया और यह मंदिर हुंगरी पार्क के बीच स्थित है। यह बहुत ही सुन्दर प्राचीन मंदिर है , हिडिम्बा , पांच पांडवो में से दूसरे पांडव भीम की पत्नी थी यह मंदिर उनको ही समर्पित है। ठंडी के दिनों में यह मंदिर पूरी तरह बर्फ से ढक जाता है , यहाँ चारों तरफ बड़े बड़े चीड़ के पेड़ इसकी सुंदरता को और ज्यादा बढ़ाते है , यहाँ पर आप मनाली के पारम्परिक परिधान में पिक्चर निकाल सकते है और छोटे छोटे बर्फीले खरगोश के साथ भी पिक्चर निकाल सकते है। हर साल यहाँ 3 दिन का एक उत्सव भी मनाया जाता है।
2. घटोत्कछ मंदिर (Ghatotkaccha Mandir) - यह मंदिर भीम और हिडिम्बा के पुत्र का है, यह भी एक प्राचीन मंदिर है और हिडिम्बा देवी मंदिर से निकटतम ही है आप यहाँ भी घूम सकते है , यह भी चारों तरफ पहाड़ और बड़े बड़े पेड़ों से घिरा है।
3. वन विहार (Van Vihar) - शहर के बीचोंबीच माल रोड से लगा हुआ है यहाँ का यह उद्यान , प्राकृतिक सुंदरता , लेक वोटिंग , बच्चो के लिए बहुत सारे झूले , सेल्फी पॉइंट्स और बाजु से बहती हुई व्यास नदी इसको बहुत सुन्दर बनाती है। आप व्यास नदी के किनारे पत्थरों पर बैठ कर शाम के नज़ारे को एन्जॉय कर सकते है। यहाँ बहुत सारे पक्षी और सुन्दर वन्य जीव भी देखने मिलते है।
4 . वशिष्ठ बाथ (Vashistha Bath) - ब्यास नदी के किनारे स्थित है वशिष्ठ बाथ, जो मनाली से महज 3 कलोमीटर की दूरी पर है और यह अपने सल्फर के कुंड के लिए मशहूर है। ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मण ने इस इसी भूमि में तीर चलाकर इस कुंड को बनाया था। यहां पुरुषों और महिलाओं के लिए स्नान की सुविधा उपलब्ध है। यहां आसपास दो मंदिर है जो श्री राम और ऋषि वशिष्ठ को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इन झरनों के गर्म पानी में कई औषधीय गुण हैं जो त्वचा की बीमारियों का इलाज करने में सहायक हैं।
5. मनु मंदिर (Manu Mandir)- कुल्लू की बीस घाटी में ऋषि मनु को समर्पित यह मंदिर बना हुआ है। मनु संसार के प्रथम पुरुष थे, जिन्हे ब्रम्हा ने बनाया था संसार की उत्पत्ति के लिए। यह राजा मनु की स्मृति में बनाया गया दुनिया का एकमात्र मंदिर है। राजा मनु बाद में ऋषि बन गए थे इसलिए इन्हे ऋषि मनु भी कहते है , इस मंदिर की वास्तुकला एक पैगोडा के रूप में बानी हुई है जो बहुत ही आकर्षक जान पड़ती है। इसकी दूरी शहर से मात्रा 2 किलोमीटर है। यहाँ राजा मनु के पदचिन्हो की भी छाप है
6 . सोलांग घाटी (Solang Valley) - सोलांग घाटी मनाली शहर से लगभग 8 कि.मी की दूरी पर स्थित है यह जगह Adventure Activities( साहसिक गतिविधियों ) जैसे पैराग्लाइडिंग, स्नो स्कूटर राइड , केबल कार रोपवे , याक और घोड़े की सवारी आदि के लिए भी प्रसिद्ध है। सर्दियों के महीनों में स्कीइंग एक लोकप्रिय खेल बन जाता है। बर्फ के पिघलने के समय में ज़ोरबिंग स्कीइंग की जगह प्राथमिकता हो जाती है।
7 . रोहतंग पास (Rohtang Pass) - समुद्र ताल से 3978 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रोहतंग पास मनाली शहर से मात्र 16 कि.मी की दूरी पर है| रोहतांग मनाली लेह हाइवे पर स्थित है , जब आप मनाली-कीलॉन्ग रोड पर चढ़ते हैं तो आपको यह जगह और सुंदर दिखाई देती है| रोहतंग पास तक जाने के लिए रोहतंग पास परमिट लेना अनिवार्य होता है| यह जगह बहुत ज्यादा बर्फ के लिए प्रसिद्ध है और जब मनाली के दूसरे छेत्रों में बर्फ नहीं होती तब टूरिस्ट को यही लाया जाता है।
8. झरने (Water Falls) - मनाली में घूमने के लिए बहुत ही खूबसूरत झरने है जो अपने आप में ही बहुत मनमोहक है , प्रकृति के बीच बहुत उचाई से गिरते यह झरने बहुत ही आकर्षित करते है , आप मनाली में बहुत सारे झरनो का आनंद ले सकते है पर "जोगनी झरना" और "जाना झरना" बहुत ही प्रसिद्ध है और बहुत ही सुन्दर भी है।
9.ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क - ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क 1984 में बना यह पार्क 6000 मीटर की उचाई पर 754 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यूनेस्को की विश्व धरोहर होने के बाद इसे 1999 में राष्ट्रीय उद्यान घोसित किया गया। पार्क में चार घाटियां है जिनके नाम सेंज घाटी, जीवा नल घाटी , तीर्थन घाटी, और पार्वती घाटी। हिमालय से घिरे हुए इस पार्क में जीवों की 375 , स्तनधारियों की 31 और पक्षियों की 181 प्रजातियां पाई जाती है। यहाँ शक्तिशाली हिमालय से घिरे हुए इस पार्क में जीवों की 375 किस्में, स्तनधारियों की 31 प्रजातियां और पक्षियों की 181 किस्मे हैं| यहाँ आपको भालू तेंदुआ जैसे जीव और अनेक पक्षी देखने मिलते है।
10. मनाली सेंचुरी (Manali Sanctuary) - मनाली के सिटी सेंटर में स्थित यह सेंचुरी एक वन्यजीव अभयारण्य है यहाँ पक्षियों, स्तनधारियों, सरीसृपों और अन्य जानवरों की कई प्रजातिया मौजूद है , इसी जगह पर ब्लैक बीयर, पाम सिवेट, बार्किंग हिरण, फ्लाइंग फॉक्स जैसी दुर्लभ और लुप्त होने की कगार पर प्रजातियां भी पाई जा सकती हैं। 32 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में फैली हुई इस जगह को 1954 में अभयारण्य घोषित किया गया था।
11. मणिकरण (Manikaran) - व्यास नदी के किनारे यह एक छोटा सा स्थान है जो गर्म पानी के झरनो और एक गुरूद्वारे के लिए प्रसिद्ध है। जिसे मणिकरण साहिब के नाम से जाना जाता है यह बहुत सुन्दर स्थान है।
12. कुल्लू - कुल्लू मनाली सिटी सेंटर से 40 किलोमीटर दूर व्यास नदी के किनारे स्थित एक स्थान है जो रिवर राफ्टिंग पैराग्लाइडिंग और वैष्णो देवी मंदिर के लिए काफी फेमस है. यहाँ आप रिवर राफ्टिंग का आनंद व्यास नदी पर ले सकते है और माँ वैष्णो देवी के दर्शन कर सकते है जो अपनेआप में अनुपम है।
13 . बिजली महादेव मंदिर - मनाली से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित बिजली महादेव मंदिर ,भगवान् शिव का एक बहुत ही प्रसिद्ध और पवित्र स्थान है , यहाँ की मान्यता है की हर 12 साल में यहाँ शिवलिंग के ऊपर आकाशीय बिजली गिरती है जिससे शिवलिंग टूट जाता है और दोबारा इसे जोड़ने पर यह फिर से पूरी तरह पहले जैसा हो जाता है।
14 . घूमने के अन्य स्थान - आप मनाली में कुछ और अन्य स्थानों पर भी घूम सकते है
- व्यास कुंड
- भृगु लेक
- हंमता पास
घुमक्कड़ इंडिया एडवाइस (Ghumakkad India Advice )
- मनाली में वाइट रिवर राफ्टिंग, ट्रेकिंग, पैरासेलिंग, ज़ोरबिंग, घुड़सवारी, स्कीइंग का अनुभव लेना मिस न करें।
- ‘कैफे 1947’ और ‘कासा बेला विस्टा’ मनाली में इतालवी और यूरोपीय भोजन के लिए प्रसिद्ध है यहाँ इन व्यंजनों आनन्द लिया जा सकता है|
- मनाली मॉल रोड पर मिलने वाला मनाली का स्ट्रीट फ़ूड जैसे ‘सिददू ’, बबरू, ‘चना मदरा’ और ‘खट्टा’ आदि खाना न भूलें|
- मनाली रैनी सीजन में न जाएँ।
हमारी जानकारी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद
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